शरीर को अंदर से साफ करना है तो खाईये रोजाना ये उपयोगी चीजे


आयुर्वेदिक चिकित्सा में शरीर की स्वच्छता और विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए कई प्राकृतिक औषधियों और पदार्थों का उपयोग किया जाता है। ये पदार्थ न केवल शरीर को शुद्ध करने में मदद करते हैं, बल्कि पाचन और समग्र स्वास्थ्य को भी सुधारते हैं। इस लेख में हम सात प्रमुख पदार्थों पर विस्तृत चर्चा करेंगे, जिनका रोजाना उपयोग शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में किया जा सकता है।


। घृतमधूनवनीतं पीपलीशृङगबेरं मरिचमपि च दद्यात्सप्तमं सैन्धवं च   

1. घृत यानी घी (Ghee)

लाभ

  • पाचन सुधार: घी पाचन एंजाइमों को सक्रिय करता है और पाचन को बेहतर बनाता है। यह आंतरिक अंगों को सुरक्षित और स्वस्थ रखता है।

  • विषाक्त पदार्थों का निष्कासन: यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। घी में मौजूद बटरफैट्स शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करते हैं और विषाक्त पदार्थों के निष्कासन में सहायक होते हैं।

  • सूजन कम करना: घी सूजन को कम करता है और शरीर की समग्र प्रतिरक्षा को मजबूत करता है।

उपयोग

  • इसे भोजन में तेल या मक्खन के स्थान पर उपयोग किया जा सकता है।
  • नाश्ते में सीधे या गरम दूध में मिलाकर लिया जा सकता है।

2. मधू यानी शहद (Honey)

लाभ

  • एंटीऑक्सीडेंट गुण: शहद में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों से बचाते हैं और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं।

  • पाचन में सुधार: यह पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है और पेट की समस्याओं को दूर करता है।

  • ऊर्जा का स्रोत: शहद शरीर को तत्काल ऊर्जा प्रदान करता है और थकान को कम करता है।

उपयोग

  • सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पी सकते हैं।
  • इसे चाय, दूध, या अन्य पेय पदार्थों में भी शामिल किया जा सकता है।

3. नवनीतं यानी मक्खन (Butter)

लाभ

  • पाचन में सहारा: मक्खन पाचन तंत्र को मदद करता है और शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक हो सकता है।

  • विटामिन ए और डी का स्रोत: इसमें विटामिन ए और डी की अच्छी मात्रा होती है जो हड्डियों और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।

उपयोग

  • इसे रोटी, पराठे, और अन्य खाद्य पदार्थों पर लगाकर खा सकते हैं।
  • घी की तुलना में इसे सीमित मात्रा में ही उपयोग करना चाहिए।

4. पीपली (Pippali)

लाभ

  • पाचन में सुधार: पीपली पाचन को उत्तेजित करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होती है।

  • श्वसन तंत्र को समर्थन: यह श्वसन तंत्र को भी सुधारता है और साँस की समस्याओं को दूर करता है।

उपयोग

  • इसे चूर्ण के रूप में भोजन में या आयुर्वेदिक औषधियों में मिलाकर लिया जा सकता है।

5. शृङगबेरं यानी सौंठ (Saunth)

लाभ

  • पाचन में मदद: सौंठ सूखे अदरक का पाउडर है जो पाचन को सुधारने और गैस, सूजन जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करता है।

  • विषाक्त पदार्थों का निष्कासन: यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है।

उपयोग

  • इसे चाय, पानी, या गर्म दूध में मिला सकते हैं।
  • इसे खाने में भी मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

6. काली मिर्च (Black Pepper)

लाभ

  • पाचन को उत्तेजित करता है: काली मिर्च पाचन एंजाइमों को सक्रिय करती है और पाचन तंत्र को सुधारती है।

  • विषाक्त पदार्थों का निष्कासन: यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होती है और अन्य औषधियों के प्रभाव को बढ़ाती है।

उपयोग

  • इसे भोजन में मसाले के रूप में डाल सकते हैं।
  • चूर्ण के रूप में लिया जा सकता है या चाय में मिलाया जा सकता है।

7. सैंधव नमक (Sendha Namak)

लाभ

  • पाचन को समर्थन: सैंधव नमक पाचन तंत्र को सुधारता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।

  • ख़ून को शुद्ध करता है: यह रक्त की शुद्धि में सहायक होता है और शरीर की समग्र स्वच्छता में योगदान करता है।

उपयोग

  • इसे भोजन में सामान्य नमक की जगह उपयोग किया जा सकता है।
  • यह विशेष रूप से व्रत के दौरान उपयोगी होता है।

निष्कर्ष

इन पदार्थों का नियमित उपयोग शरीर की विषाक्तता को कम कर सकता है और स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। हालांकि, इन्हें अपने आहार में शामिल करने से पहले एक योग्य चिकित्सक या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श करना हमेशा उचित होता है। सही मात्रा और विधि का पालन करके आप इन पदार्थों के लाभ उठा सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

आयुर्वेद की दृष्टि

आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान केंद्रित करती है। इस दृष्टिकोण से, शरीर के विषाक्त पदार्थों को निकालना केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। इन सात पदार्थों का उपयोग न केवल आपके शरीर को शुद्ध करता है, बल्कि आपकी ऊर्जा स्तर और समग्र कल्याण को भी बढ़ाता है।

दैनिक जीवन में इन पदार्थों का उपयोग

इन पदार्थों का दैनिक जीवन में समावेश करना आसान है। उदाहरण के लिए:

  • घी और मक्खन: आप इन्हें सुबह के नाश्ते में, जैसे पराठे या रोटी में शामिल कर सकते हैं।
  • शहद: इसे अपने सुबह के गुनगुने पानी में मिलाकर लेना एक अच्छी आदत है।
  • पीपली और काली मिर्च: इन्हें रोजाना के भोजन में मसाले के रूप में शामिल करें।

ध्यान रखने योग्य बातें

  1. संयमित उपयोग: इन पदार्थों का उपयोग संयमित मात्रा में करें। अधिकता किसी भी चीज की हानिकारक हो सकती है।
  2. व्यक्तिगत जरूरतें: हर व्यक्ति की शरीर की आवश्यकताएँ अलग होती हैं, इसलिए अपने शरीर की सुनें और उसी के अनुसार भोजन का चयन करें।
  3. चिकित्सकीय परामर्श: यदि आप किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं, तो हमेशा विशेषज्ञ से परामर्श करें।

इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप आयुर्वेदिक चिकित्सा के माध्यम से अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सक्षम होंगे। आयुर्वेदिक सिद्धांतों का पालन करते हुए, इन प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग करके आप न केवल अपने शरीर को शुद्ध कर सकते हैं, बल्कि अपनी मानसिक और भावनात्मक स्थिति को भी संतुलित रख सकते हैं।

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